हमलोग अक्सर मकड़ियों को insects कह देते हैं लेकिन ये बिच्छू के तरह आठ पैर वाले arachnid फैमली से संबंध रखती है. पृथ्वी पर आबादी की दृष्टि से देखे तो मकड़ियाँ 7वें नंबर पर आती है. मकड़ियों के कुछेक प्रजाति को छोड़कर सारी मकड़ियाँ मांसाहारी होती है. जिसका मुख्य आहार कीड़े होते हैं. मकड़ियाँ शिकार करने में बड़ी माहिर होती है. जिस मकड़ी की यह फोटो है उसका नाम इसके शिकारी प्रवृति से बहुत मैच करता है और यह अपने हैबिट की वजह से अपने नाम को पूरी तरीके से चरितार्थ भी करती है. इसका नाम है Wolf Spider ( भेड़िया मकड़ी), शिकार करने में बड़ी ही तेज होती है. यह 2 फीट प्रति सैकेंड की रफ्तार से दौड़ सकती है. मतलब इसके पास से इसका शिकार बच के नहीं निकल सकता है अगर आँख से बच के कोई prey निकल भी जाए तो दौड़ कर उसे भी पकड़ लेती है. सभी मकड़ियों की तरह इसके भी 8 पैर होते हैं, लेकिन जैसा कि इसका नाम है wolf spider, इनका शरीर ब्रिसटली हेयर से ढके हुए होते हैं. जिससे यह भेड़िया की तरह दिखती है. इसकी आँखे तीन पंक्तियों में विभाजित होती है जो संख्या में कुल 8 होते हैं. ये अपने आँखों को रोटेट नहीं कर सकते हैं फिर भी इस खासियत की वजह से यह अपने सिर को सीधे रखते हुए भी चारों दिशाओं में 360 डिग्री पर भी बहुत अच्छे से देख सकती है. यह अकेला रहना पसंद करती है. मादा मकड़ियाँ नर मकड़ियों से बड़ी होती है. मकड़ियों की जहाँ भी बात होती है तो ये अपने अपने रहने के लिए जाला बुनती है. लेकिन इसकी एक और खासियत है कि इसका कोई स्थायी निवास नहीं होता है अर्थात यह जाला नहीं बुनती है. यह चट्टानों, लॉग और पत्तियों के नीचे रहते हैं. यह अपने आक्रमक स्वभाव के कारण जमीन पर सुरंग खोदने में भी एक्सपर्ट होती है. अपने camouflage color technique की मदद से यह छलावा भी खूब करती है. यह अपने आसपास के एनवायरनमेंट के अकॉर्डिंगली विभिन्न प्रकार के रंग जैसे; ब्लैक, ब्राउन, ऑरेंज, ग्रे आदि रंगों में खुद को परिवर्तित कर लेती है जिससे शिकार करने के साथ साथ अपने predator से बचने में इसको मदद मिलती है. सभी जीव की तरह इनमें भी मातृत्व का गुण पाया जाता है. यह अपने अंडों की देखभाल के लिए एक रेशम की थैली बनाती है जिसमें लगभग 100 अंडे होते हैं जिसे यह अपने पेट से जोड़कर और पंजों से पकड़ कर एक जगह से दूसरी जगह ले जाती है. और तब तक इसकी देखभाल करती है जब तक की बच्चे मकड़ी चलने के लिए तैयार नहीं हो जाते हैं. ये सब तो रही पढ़ाई वाली और समझने वाली बातें. अब एक एक्सपेरिमेंट वाली बात बताते हैं......इसके 8 पैर तो होते हैं लेकिन चलने में बस 4 पैर का ही इस्तेमाल करती है ये सब. इसकी फोटो को गौ़र से देखियेगा 4 पैर से यह किसी सहारे को पकड़ती है जबकि 4 यूँ ही हवा में लहराते रहता है. दूसरी एक और बात कीड़े का शिकार तो ये खाने के लिए करती है लेकिन यह अपने बचाव के लिए इंसानों को भी काटती है. यह venomous होती है. शरीर के जिस भी भाग में काटती है वहाँ सक्रमण पैदा हो जाती है. अगर इसका ट्रीटमेंट नहीं किया जाए तो यह एक सीरियस इन्फेक्शन का रूप ले लेती है. ..... अल्टीमेटली यही कहेंगे दुनिया अलग है, साइज छोटा है, फिर भी शिकार करने का गजब का तजुर्बा है इन मकड़ियों के पास.....
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हमलोग अक्सर मकड़ियों को insects कह देते हैं लेकिन ये बिच्छू के तरह आठ पैर वाले arachnid फैमली से संबंध रखती है. पृथ्वी पर आबादी की दृष्टि से देखे तो मकड़ियाँ 7वें नंबर पर आती है. मकड़ियों के कुछेक प्रजाति को छोड़कर सारी मकड़ियाँ मांसाहारी होती है. जिसका मुख्य आहार कीड़े होते हैं. मकड़ियाँ शिकार करने में बड़ी माहिर होती है.
ReplyDeleteजिस मकड़ी की यह फोटो है उसका नाम इसके शिकारी प्रवृति से बहुत मैच करता है और यह अपने हैबिट की वजह से अपने नाम को पूरी तरीके से चरितार्थ भी करती है. इसका नाम है Wolf Spider ( भेड़िया मकड़ी), शिकार करने में बड़ी ही तेज होती है. यह 2 फीट प्रति सैकेंड की रफ्तार से दौड़ सकती है. मतलब इसके पास से इसका शिकार बच के नहीं निकल सकता है अगर आँख से बच के कोई prey निकल भी जाए तो दौड़ कर उसे भी पकड़ लेती है. सभी मकड़ियों की तरह इसके भी 8 पैर होते हैं, लेकिन जैसा कि इसका नाम है wolf spider, इनका शरीर ब्रिसटली हेयर से ढके हुए होते हैं. जिससे यह भेड़िया की तरह दिखती है. इसकी आँखे तीन पंक्तियों में विभाजित होती है जो संख्या में कुल 8 होते हैं. ये अपने आँखों को रोटेट नहीं कर सकते हैं फिर भी इस खासियत की वजह से यह अपने सिर को सीधे रखते हुए भी चारों दिशाओं में 360 डिग्री पर भी बहुत अच्छे से देख सकती है. यह अकेला रहना पसंद करती है. मादा मकड़ियाँ नर मकड़ियों से बड़ी होती है.
मकड़ियों की जहाँ भी बात होती है तो ये अपने अपने रहने के लिए जाला बुनती है. लेकिन इसकी एक और खासियत है कि इसका कोई स्थायी निवास नहीं होता है अर्थात यह जाला नहीं बुनती है. यह चट्टानों, लॉग और पत्तियों के नीचे रहते हैं. यह अपने आक्रमक स्वभाव के कारण जमीन पर सुरंग खोदने में भी एक्सपर्ट होती है.
अपने camouflage color technique की मदद से यह छलावा भी खूब करती है. यह अपने आसपास के एनवायरनमेंट के अकॉर्डिंगली विभिन्न प्रकार के रंग जैसे; ब्लैक, ब्राउन, ऑरेंज, ग्रे आदि रंगों में खुद को परिवर्तित कर लेती है जिससे शिकार करने के साथ साथ अपने predator से बचने में इसको मदद मिलती है.
सभी जीव की तरह इनमें भी मातृत्व का गुण पाया जाता है. यह अपने अंडों की देखभाल के लिए एक रेशम की थैली बनाती है जिसमें लगभग 100 अंडे होते हैं जिसे यह अपने पेट से जोड़कर और पंजों से पकड़ कर एक जगह से दूसरी जगह ले जाती है. और तब तक इसकी देखभाल करती है जब तक की बच्चे मकड़ी चलने के लिए तैयार नहीं हो जाते हैं.
ये सब तो रही पढ़ाई वाली और समझने वाली बातें. अब एक एक्सपेरिमेंट वाली बात बताते हैं......इसके 8 पैर तो होते हैं लेकिन चलने में बस 4 पैर का ही इस्तेमाल करती है ये सब. इसकी फोटो को गौ़र से देखियेगा 4 पैर से यह किसी सहारे को पकड़ती है जबकि 4 यूँ ही हवा में लहराते रहता है. दूसरी एक और बात कीड़े का शिकार तो ये खाने के लिए करती है लेकिन यह अपने बचाव के लिए इंसानों को भी काटती है. यह venomous होती है. शरीर के जिस भी भाग में काटती है वहाँ सक्रमण पैदा हो जाती है. अगर इसका ट्रीटमेंट नहीं किया जाए तो यह एक सीरियस इन्फेक्शन का रूप ले लेती है. .....
अल्टीमेटली यही कहेंगे दुनिया अलग है, साइज छोटा है, फिर भी शिकार करने का गजब का तजुर्बा है इन मकड़ियों के पास.....